Dr. Ravi Datt Godiyal
Chairman, Uttarakhand Public Service Commission
अध्यक्ष की कलम से,
‘भारत का संविधान' में कल्याणकारी लोक प्रशासन स्थापित करने के उद्देश्य से उत्कृष्ट लोक सेवकों का चयन हेतु अनुच्छेद 315 के अन्तर्गत संघ तथा राज्य लोक सेवा आयोगों का गठन किये जाने की व्यवस्था की गई है और इसी परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2001 में उत्तराखण्ड राज्य लोक सेवा आयोग का गठन किया गया। आयोग मुख्य तौर पर निम्नलिखित कार्यों का सम्पादन करता हैः-
- उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न शासकीय विभागों से प्राप्त सीधी भर्ती के अधियाचनों के अनुक्रम में प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर उत्कृष्ट लोक सेवकों का चयन करना।
- शासन द्वारा प्रेषित अनुशासनिक मामलों पर नियमानुसार अभिमत/परामर्श देना।
- उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न शासकीय विभागों से प्राप्त प्रोन्नति के अधियाचनों के अनुक्रम में डी0पी0सी0 बैठक का आयोजन करते हुए उपयुक्त कार्मिकों को पदोन्नति हेतु संस्तुत करना।
- आयोग की परीधि के अन्तर्गत आने वाले पदों की संगत सेवा नियमावलियों आदि के सम्बन्ध में नियमानुसार परामर्श देना।
उपर्युक्त कार्यों को निर्बाध एवं त्वरित गति से संचालित करने हेतु उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा अद्यतन तकनीकों का प्रयोग करते हुए कार्य प्रक्रियाओं/व्यवस्थाओं में समय-समय पर अनेक महत्वपूर्ण सुधार किये जाते रहे हैं, जिसके फलस्वरूप आयोग अपने संवैधानिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन उत्कृष्टता, पारदर्शिता एवं निष्पक्षतापूर्वक सम्पादित करते हुए नये आयाम स्थापित करने की ओर निरन्तर अग्रसर है।
मेरा यह स्पष्ट एवं सुविचारित मत है कि उपलब्धियाँ हमेशा समयबद्ध एवं सुव्यवस्थित कार्य-योजना एवं समग्र प्रयासों पर निर्भर करती है। इसी मूलमन्त्र को आधार मानकर हमें एक परिवार/टीम के रूप में अपने दायित्वों एवं कर्त्तव्यों का निर्वहन पूर्ण समर्पण तथा ईमानदारी से करने की ओर सदैव सन्नद्ध रहना होगा। हमें निजी स्वार्थों से ऊपर उठकर आयोग और प्रदेश के हित में दृढ़-संकल्पित रहना होगा।
मैं, अभ्यर्थियों से भी यह अपेक्षा करता हूँ कि वह वांछित सफलता प्राप्त करने के लिए पूर्ण धैर्य, लगन एवं सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ अथक प्रयास करना सुनिश्चित करते रहेंगें। दृढ़ इच्छाशक्ति, आत्म-विश्वास एवं कड़ी मेहनत से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है और आपकी सम्यक् अपेक्षाओं की प्रतिपूर्ति तथा विश्वास को बनाए रखने के लिए उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग सदैव प्रतिबद्ध एवं दृढ़-संकल्पित है।
मैं आयोग के समस्त मा0 सदस्यगण, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा पूर्ण समर्पण एवं प्रतिबद्धता के साथ किये गये कार्यों की हृदय से प्रशंसा करता हूँ । मुझे आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि आयोग परिवार के रूप में हम अपने आदर्श सिद्धान्तों यथा- उत्कृष्टता, पारदर्शिता एवं निष्पक्षता का अविरल पालन करते हुए समस्त परीक्षाओं/चयन कार्यवाहियों का समयबद्धता के साथ निष्पादन करने में सक्षम होंगे I
अनेक शुभकामनाओं सहित...
(डॉ0 रवि दत्त गोदियाल)
अध्यक्ष